Thursday, April 17, 2014

शनिदेव जी की आरती





जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।

सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी ॥

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।




श्याम अंक वक्र दृष्ट चतुर्भुजा धारी ।

नीलांबर धार नाथ गज की असवारी ॥

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।




किरीट मुकुट शीश सहज दिपत है लिलारी ।

मुक्तन की माल गले शोभित बलिहारी ॥

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।




मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी ।

लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी ॥

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।




देव दनुज ॠषि मुनि सुरत नर नारी ।

विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी ॥


जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी ।

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